*15 जनवरी 2023 रविवार*
*इस साल मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी 2023 रविवार के दिन मनाया जाएगा।*
ये सूर्य की उपासना का पर्व है, सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास की भी समाप्ति हो जाती है और सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
पुराणों के अनुसार मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऐसे शुभ संयोग में मकर संक्रांति पर स्नान, दान, मंत्र जप और सूर्य उपासना से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।।
*🔯आइए जानते हैं मकर संक्रांति का पुण्य और महापुण्य काल समय-:*
*सूर्य का मकर राशि में प्रवेश-:*
14 जनवरी 2023 शनिवार को
रात 08.57 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
*मकर संक्रांति 15/01/2023 का पुण्य और महापुण्य काल समय
*🔯 पुण्य-महापुण्य काल का महत्व-:*
मकर संक्रांति पर पुण्य और महापुण्य काल का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं. मकर संक्रांति के पुण्य और महापुण्य काल में गंगा स्नान, सूर्योपासना,दान, मंत्र जप करने व्यक्ति के जन्मों के पाप धुल जाते है।
*स्नान---:*
मकर सक्रांति वाले दिन सबसे पहले प्रातः किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, यदि यह संभव ना हो सके तो अपने नहाने के जल में थोड़ा गंगाजल डालकर स्नान करें।।
*सूर्योपासना---:*
प्रातः स्नान के बाद उगते हुए सूर्य नारायण को तांबे के पात्र में जल, गुड, लाल पुष्प, गुलाब की पत्तियां, कुमकुम, अक्षत आदि मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए।
*गायत्री मंत्र जप--:*
सूर्य उपासना के बाद में कुछ देर आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र के जप करने चाहिए, अपने इष्ट देवी- देवताओं की भी उपासना करें।।
*गाय के लिए दान---:*
पूजा उपासना से उठने के बाद गाय के लिए कुछ दान अवश्य निकालें जैसे- गुड, चारा इत्यादि।
*पितरों को भी करे याद-:*
इस दिन अपने पूर्वजों को प्रणाम करना ना भूलें, उनके निमित्त भी कुछ दान अवश्य निकालें।
इस दिन पितरों को तर्पण करना भी शुभ होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
*गरीब व जरूरतमंदों के लिए दान-:*
इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को जूते, चप्पल, (चप्पल-जूते चमड़े के नहीं होने चाहिए) अन्न, तिल, गुड़, चावल, मूंग, गेहूं, वस्त्र, कंबल, का दान करें। ऐसा करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।।
*परंपराओं का भी रखें ध्यान-:*
मकर सक्रांति का त्यौहार मनाने में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग- अलग परंपराएं हैं, अतः आप अपनी परंपराओं का भी ध्यान रखें। अर्थात अपने क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार मनाए।।
*गायत्री मंत्र-:*
इस साल मकर संक्रांति बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि रविवार और मकर संक्रांति दोनों ही सूर्य को समर्पित है। इस दिन गायत्री मंत्र जप व गायत्री हवन करना विशेष लाभकारी रहेगा।।
सूर्य गायत्री मंत्र का जाप भगवान सूर्य देव के लिया किया जाता है। इस मंत्र के जाप से सूर्य भगवान को प्रसन्न और उनका आशीर्वाद पाने के लिया किया जाता है। इस मंत्र का जाप सुबह सुबह करनी चाहिए। इसके अधिकतम प्रभाव के लिए इस गायत्री मंत्र का मतलब समझना चाहिए।
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयत।।
ओम, मुझे सूर्य देव का ध्यान करें,
ओह, दिन के निर्माता, मुझे उच्च बुद्धि दें,
और सूर्य देव मेरे मन को रोशन करें।
मेरे सम्पूर्ण परिवार की तरफ से सभी को मकर संक्रांति (खिचड़ी संक्रांति) पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं हम भगवान सूर्य नारायण जी से प्रार्थना करते हैं की जिस प्रकार मकर राशि में सूर्य नारायण का तेज बढता है उसी प्रकार सम्पूर्ण विश्व का तेज बढ़े सभी लोग स्वस्थ सुंदर और दीर्घायु हो यही कामना भगवान सूर्य नारायण जी से करता हुं।